एज्रा 8:3-23 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

3. शकन्याह के वंश के परोश के गोत्र में से जकर्याह, जिसके संग डेढ़ सौ पुरुषें की वंशावली हुई।

4. पहत्मोआब के वंश में से जरह्याह का पुत्र एल्यहोएनै, जिसके संग दो सौ पुरुष थे।

5. शकन्याह के वंश में से यहजीएल का पुत्र, जिसके संग तीन सौ पुरुष थे।

6. आदीन के वंश में से योनातान का पुत्र एबेद, जिसके संग पचास पुरुष थे।

7. एलाम के वंश में से अतल्याह का पुत्र यशायाह, जिसके संग सत्तर पुरुष थे।

8. शपत्याह के वंश में से मीकाएल का पुत्र जबद्याह, जिसके संग अस्सी पुरुष थे।

9. योआब के वंश में से यहीएल का पुत्र ओबद्याह, जिसके संग दो सौ अठारह पुरुष थे।

10. शलोमीत के वंश में से योसिय्याह का पुत्र, जिसके संग एक सौ साठ पुरुष थे।

11. बेबै के वंश में से बेबै का पुत्र जकर्याह, जिसके संग अट्ठाईस पुरुष थे।

12. अजगाद के वंश में से हक्कातान का पुत्र योहानान, जिसके संग एक सौ दस पुरुष थे।

13. अदोनीकाम के वंश में से जो पीछे गएं उनके ये नाम हैं: अर्थात एलीपेलेत, यीएल, और समायाह, और उनके संग साठ पुरुष थे।

14. और बिगवै के वंश में से ऊतै और जब्बूद थे, और उनके संग सत्तर पुरुष थे।

15. इन को मैं ने उस नदी के पास जो अहवा की ओर बहती है इकट्ठा कर लिया, और वहां हम लोग तीन दिन डेरे डाले रहे, और मैं ने वहां लोगों और याजकों को देख लिया परन्तु किसी लेवीय को न पाया।

16. मैं ने एलीएजेर, अरीएल, शमायाह, एलनातान, यारीब, एलनातान, नातान, जकर्याह और मशूल्लाम को जो मुख्य पुरुष थे, और योयारीब और एलनातान को जो बुद्धिमान थे

17. बुलवाकर, इद्दो के पास जो कासिप्या नाम स्थान का प्रधान था, भेज दिया; और उन को समझा दिया, कि कासिप्या स्थान में इद्दो और उसके भाई नतीन लोगों से क्या क्या कहना, कि वे हमारे पास हमारे परमेश्वर के भवन के लिये सेवा टहल करने वालों को ले आएं।

18. और हमारे परमेश्वर की कृपादृष्टि जो हम पर हुई इसके अनुसार वे हमारे पास ईश्शेकेल के जो इस्राएल के परपोता और लेवी के पोता महली के वंश में से था, और शेरेब्याह को, और उसके पुत्रों और भाइयों को, अर्थात अठारह जनों को ;

19. और हशब्याह को, और उसके संग मरारी के वंश में से यशायाह को, और उसके पुत्रों और भाइयों को, अर्थात बीस जनों को ;

20. और नतीन लोगों में से जिन्हें दाऊद और हाकिमों ने लेवियों की सेवा करने को ठहराया था दो सौ बीस नतिनों को ले आए। इन सभों के नाम लिखे हुए थे।

21. तब मैं ने वहां अर्थात अहवा नदी के तीर पर उपवास का प्रचार इस आशय से किया, कि हम परमेश्वर के साम्हने दीन हों; और उस से अपने और अपने बाल-बच्चों और अपनी समस्त सम्पत्ति के लिये सरल यात्रा मांगें।

22. क्योंकि मैं मार्ग के शत्रुओं से बचने के लिये सिपाहियों का दल और सवार राजा से मांगने से लजाता था, क्योंकि हम राजा से यह कह चुके थे कि हमारा परमेश्वर अपने सब खोजियों पर, भलाई के लिये कृपादृष्टि रखता है और जो उसे त्याग देते हैं, उसका बल और कोप उनके विरुद्ध है।

23. इसी विषय पर हम ने उपवास कर के अपने परमेश्वर से प्रार्थना की, और उसने हमारी सुनी।

एज्रा 8