उत्पत्ति 8:6-16 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

6. फिर ऐसा हुआ कि चालीस दिन के पश्चात नूह ने अपने बनाए हुए जहाज की खिड़की को खोल कर, एक कौआ उड़ा दिया:

7. वह जब तक जल पृथ्वी पर से सूख न गया, तब तक कौआ इधर उधर फिरता रहा।

8. फिर उसने अपने पास से एक कबूतरी को उड़ा दिया, कि देखें कि जल भूमि से घट गया कि नहीं।

9. उस कबूतरी को अपने पैर के तले टेकने के लिये कोई आधार ने मिला, सो वह उसके पास जहाज में लौट आई: क्योंकि सारी पृथ्वी के ऊपर जल ही जल छाया था तब उसने हाथ बढ़ा कर उसे अपने पास जहाज में ले लिया।

10. तब और सात दिन तक ठहर कर, उसने उसी कबूतरी को जहाज में से फिर उड़ा दिया।

11. और कबूतरी सांझ के समय उसके पास आ गई, तो क्या देखा कि उसकी चोंच में जलपाई का एक नया पत्ता है; इस से नूह ने जान लिया, कि जल पृथ्वी पर घट गया है।

12. फिर उसने सात दिन और ठहरकर उसी कबूतरी को उड़ा दिया; और वह उसके पास फिर कभी लौट कर न आई।

13. फिर ऐसा हुआ कि छ: सौ एक वर्ष के पहिले महीने के पहिले दिन जल पृथ्वी पर से सूख गया। तब नूह ने जहाज की छत खोल कर क्या देखा कि धरती सूख गई है।

14. और दूसरे महीने के सताईसवें दिन को पृथ्वी पूरी रीति से सूख गई॥

15. तब परमेश्वर ने, नूह से कहा,

16. तू अपने पुत्रों, पत्नी, और बहुओं समेत जहाज में से निकल आ।

उत्पत्ति 8