1. और यहोवा ने नूह से कहा, तू अपने सारे घराने समेत जहाज में जा; क्योंकि मैं ने इस समय के लोगों में से केवल तुझी को अपनी दृष्टि में धर्मी देखा है।
2. सब जाति के शुद्ध पशुओं में से तो तू सात सात, अर्थात नर और मादा लेना: पर जो पशु शुद्ध नहीं है, उन में से दो दो लेना, अर्थात नर और मादा:
3. और आकाश के पक्षियों में से भी, सात सात, अर्थात नर और मादा लेना: कि उनका वंश बचकर सारी पृथ्वी के ऊपर बना रहे।
4. क्योंकि अब सात दिन और बीतने पर मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूंगा; जितनी वस्तुएं मैं ने बनाईं हैं सब को भूमि के ऊपर से मिटा दूंगा।
5. यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार नूह ने किया।
6. नूह की अवस्था छ: सौ वर्ष की थी, जब जलप्रलय पृथ्वी पर आया।
7. नूह अपने पुत्रों, पत्नी और बहुओं समेत, जलप्रलय से बचने के लिये जहाज में गया।
8. और शुद्ध, और अशुद्ध दोनो प्रकार के पशुओं में से, पक्षियों,
9. और भूमि पर रेंगने वालों में से भी, दो दो, अर्थात नर और मादा, जहाज में नूह के पास गए, जिस प्रकार परमेश्वर ने नूह को आज्ञा दी थी।