20. और येरेद की कुल अवस्था नौ सौ बासठ वर्ष की हुई: तत्पश्चात वह मर गया।
21. जब हनोक पैंसठ वर्ष का हुआ, तब उसने मतूशेलह को जन्म दिया।
22. और मतूशेलह के जन्म के पश्चात हनोक तीन सौ वर्ष तक परमेश्वर के साथ साथ चलता रहा, और उसके और भी बेटे बेटियां उत्पन्न हुईं।
23. और हनोक की कुल अवस्था तीन सौ पैंसठ वर्ष की हुई।
24. और हनोक परमेश्वर के साथ साथ चलता था; फिर वह लोप हो गया क्योंकि परमेश्वर ने उसे उठा लिया।
25. जब मतूशेलह एक सौ सत्तासी वर्ष का हुआ, तब उसने लेमेक को जन्म दिया।
26. और लेमेक के जन्म के पश्चात मतूशेलह सात सौ बयासी वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियां उत्पन्न हुईं।
27. और मतूशेलह की कुल अवस्था नौ सौ उनहत्तर वर्ष की हुई: तत्पश्चात वह मर गया॥
28. जब लेमेक एक सौ बयासी वर्ष का हुआ, तब उसने एक पुत्र जन्म दिया।
29. और यह कहकर उसका नाम नूह रखा, कि यहोवा ने जो पृथ्वी को शाप दिया है, उसके विषय यह लड़का हमारे काम में, और उस कठिन परिश्रम में जो हम करते हैं, हम को शान्ति देगा।
30. और नूह के जन्म के पश्चात लेमेक पांच सौ पंचानवे वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियां उत्पन्न हुईं।
31. और लेमेक की कुल अवस्था सात सौ सतहत्तर वर्ष की हुई: तत्पश्चात वह मर गया॥