15. यूसुफ ने उन से कहा, तुम लोगों ने यह कैसा काम किया है? क्या तुम न जानते थे, कि मुझ सा मनुष्य शकुन विचार सकता है?
16. यहूदा ने कहा, हम लोग अपने प्रभु से क्या कहें? हम क्या कहकर अपने को निर्दोषी ठहराएं? परमेश्वर ने तेरे दासों के अधर्म को पकड़ लिया है: हम, और जिसके पास कटोरा निकला वह भी, हम सब के सब अपने प्रभु के दास ही हैं।
17. उसने कहा, ऐसा करना मुझ से दूर रहे: जिस जन के पास कटोरा निकला है, वही मेरा दास होगा; और तुम लोग अपने पिता के पास कुशल क्षेम से चले जाओ।