19. तब वह उठ कर चली गई, और अपना घूंघट उतार के अपना विधवापन का पहिरावा फिर पहिन लिया।
20. तब यहूदा ने बकरी का बच्चा अपने मित्र उस अदुल्लामवासी के हाथ भेज दिया, कि वह रेहन रखी हुई वस्तुएं उस स्त्री के हाथ से छुड़ा ले आए; पर वह स्त्री उसको न मिली।
21. तब उसने वहां के लोगों से पूछा, कि वह देवदासी जो एनैम में मार्ग की एक और बैठी थी, कहां है? उन्होंने कहा, यहां तो कोई देवदासी न थी।
22. सो उसने यहूदा के पास लौट के कहा, मुझे वह नहीं मिली; और उस स्थान के लोगों ने कहा, कि यहां तो कोई देवदासी न थी।
23. तब यहूदा ने कहा, अच्छा, वह बन्धक उस के पास रहने दे, नहीं तो हम लोग तुच्छ गिने जाएंगे: देख, मैं ने बकरी का यह बच्चा भेज दिया, पर वह तुझे नहीं मिली।