1. फिर याकूब ने अपना मार्ग लिया, और पूर्व्वियों के देश में आया।
2. और उसने दृष्टि करके क्या देखा, कि मैदान में एक कुंआ है, और उसके पास भेड़-बकरियों के तीन झुण्ड बैठे हुए हैं; क्योंकि जो पत्थर उस कुएं के मुंह पर धरा रहता था, जिस में से झुण्डों को जल पिलाया जाता था, वह भारी था।
3. और जब सब झुण्ड वहां इकट्ठे हो जाते तब चरवाहे उस पत्थर को कुएं के मुंह पर से लुढ़का कर भेड़-बकरियों को पानी पिलाते, और फिर पत्थर को कुएं के मुंह पर ज्यों का त्यों रख देते थे।