उत्पत्ति 24:56-67 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

56. उसने उन से कहा, यहोवा ने जो मेरी यात्रा को सफल किया है; सो तुम मुझे मत रोको अब मुझे विदा कर दो, कि मैं अपने स्वामी के पास जाऊं।

57. उन्होंने कहा, हम कन्या को बुला कर पूछते हैं, और देखेंगे, कि वह क्या कहती है।

58. सो उन्होंने रिबका को बुला कर उससे पूछा, क्या तू इस मनुष्य के संग जाएगी? उसने कहा, हां मैं जाऊंगी।

59. तब उन्होंने अपनी बहिन रिबका, और उसकी धाय और इब्राहीम के दास, और उसके साथी सभों को विदा किया।

60. और उन्होंने रिबका को आशीर्वाद दे के कहा, हे हमारी बहिन, तू हजारों लाखों की आदिमाता हो, और तेरा वंश अपने बैरियों के नगरों का अधिकारी हो।

61. इस पर रिबका अपनी सहेलियों समेत चली; और ऊंट पर चढ़ के उस पुरूष के पीछे हो ली: सो वह दास रिबका को साथ ले कर चल दिया।

62. इसहाक जो दक्खिन देश में रहता था, सो लहैरोई नाम कुएं से हो कर चला आता था।

63. और सांझ के समय वह मैदान में ध्यान करने के लिये निकला था: और उसने आंखे उठा कर क्या देखा, कि ऊंट चले आ रहे हैं।

64. और रिबका ने भी आंख उठा कर इसहाक को देखा, और देखते ही ऊंट पर से उतर पड़ी

65. तब उसने दास से पूछा, जो पुरूष मैदान पर हम से मिलने को चला आता है, सो कौन है? दास ने कहा, वह तो मेरा स्वामी है। तब रिबका ने घूंघट ले कर अपने मुंह को ढ़ाप लिया।

66. और दास ने इसहाक से अपना सारा वृत्तान्त वर्णन किया।

67. तब इसहाक रिबका को अपनी माता सारा के तम्बू में ले आया, और उसको ब्याह कर उससे प्रेम किया: और इसहाक को माता की मृत्यु के पश्चात शान्ति हुई॥

उत्पत्ति 24