10. फिर अबीमेलेक ने इब्राहीम से पूछा, तू ने क्या समझ कर ऐसा काम किया?
11. इब्राहीम ने कहा, मैं ने यह सोचा था, कि इस स्थान में परमेश्वर का कुछ भी भय न होगा; सो ये लोग मेरी पत्नी के कारण मेरा घात करेंगे।
12. और फिर भी सचमुच वह मेरी बहिन है, वह मेरे पिता की बेटी तो है पर मेरी माता की बेटी नहीं; फिर वह मेरी पत्नी हो गई।
13. और ऐसा हुआ कि जब परमेश्वर ने मुझे अपने पिता का घर छोड़ कर निकलने की आज्ञा दी, तब मैं ने उससे कहा, इतनी कृपा तुझे मुझ पर करनी होगी: कि हम दोनोंजहां जहां जाएं वहां वहां तू मेरे विषय में कहना, कि यह मेरा भाई है।
14. तब अबीमेलेक ने भेड़-बकरी, गाय-बैल, और दास-दासियां ले कर इब्राहीम को दीं, और उसकी पत्नी सारा को भी उसे फेर दिया।
15. और अबीमेलेक ने कहा, देख, मेरा देश तेरे साम्हने है; जहां तुझे भावे वहां रह।