10. और उसके राज्य का आरम्भ शिनार देश में बाबुल, अक्कद, और कलने हुआ।
11. उस देश से वह निकल कर अश्शूर को गया, और नीनवे, रहोबोतीर, और कालह को,
12. और नीनवे और कालह के बीच रेसेन है, उसे भी बसाया, बड़ा नगर यही है।
13. और मिस्र के वंश में लूदी, अनामी, लहाबी, नप्तूही,
14. और पत्रुसी, कसलूही, और कप्तोरी लोग हुए, कसलूहियों में से तो पलिश्ती लोग निकले॥
15. फिर कनान के वंश में उसका ज्येष्ठ सीदोन, तब हित्त,
16. और यबूसी, एमोरी, गिर्गाशी,
17. हिव्वी, अर्की, सीनी,
18. अर्वदी, समारी, और हमाती लोग भी हुए: फिर कनानियों के कुल भी फैल गए।
19. और कनानियों का सिवाना सीदोन से ले कर गरार के मार्ग से हो कर अज्जा तक और फिर सदोम और अमोरा और अदमा और सबोयीम के मार्ग से हो कर लाशा तक हुआ।
20. हाम के वंश में ये ही हुए; और ये भिन्न भिन्न कुलों, भाषाओं, देशों, और जातियों के अनुसार अलग अलग हो गए॥
21. फिर शेम, जो सब एबेरवंशियों का मूलपुरूष हुआ, और जो येपेत का ज्येष्ठ भाई था, उसके भी पुत्र उत्पन्न हुए।
22. शेम के पुत्र: एलाम, अश्शूर, अर्पक्षद, लूद और आराम हुए।
23. और आराम के पुत्र: ऊस, हूल, गेतेर और मश हुए।