2. नहीं तो उन का चढ़ाना बन्द क्यों न हो जाता? इसलिये कि जब सेवा करने वाले एक ही बार शुद्ध हो जाते, तो फिर उन का विवेक उन्हें पापी न ठहराता।
3. परन्तु उन के द्वारा प्रति वर्ष पापों का स्मरण हुआ करता है।
4. क्योंकि अनहोना है, कि बैलों और बकरों का लोहू पापों को दूर करे।