अय्यूब 37:5-13 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

5. ईश्वर गरज कर अपना शब्द अद्भूत रीति से सुनाता है, और बड़े बड़े काम करता है जिन को हम नहीं समझते।

6. वह तो हिम से कहता है, पृथ्वी पर गिर, और इसी प्रकार मेंह को भी और मूसलाधार वर्षा को भी ऐसी ही आज्ञा देता है।

7. वह सब मनुष्यों के हाथ पर मुहर कर देता है, जिस से उसके बनाए हुए सब मनुष्य उसको पहचानें।

8. तब वनपशु गुफाओं में घुस जाते, और अपनी अपनी मांदों में रहते हैं।

9. दक्खिन दिशा से बवण्डर और उतरहिया से जाड़ा आता है।

10. ईश्वर की श्वास की फूंक से बरफ पड़ता है, तब जलाशयों का पाट जम जाता है।

11. फिर वह घटाओं को भाफ़ से लादता, और अपनी बिजली से भरे हुए उजियाले का बादल दूर तक फैलाता है।

12. वे उसकी बुद्धि की युक्ति से इधर उधर फिराए जाते हैं, इसलिये कि जो आज्ञा वह उन को दे, उसी को वे बसाई हुई पृथ्वी के ऊपर पूरी करें।

13. चाहे ताड़ना देने के लिये, चाहे अपनी पृथ्वी की भलाई के लिये वा मनुष्यों पर करुणा करने के लिये वह उसे भेजे।

अय्यूब 37