अय्यूब 26:10-14 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

10. उजियाले और अन्धियारे के बीच जहां सिवाना बंधा है, वहां तक उसने जलनिधि का सिवाना ठहरा रखा है।

11. उसकी घुड़की से आकाश के खम्भे थरथरा कर चकित होते हैं।

12. वह अपने बल से समुद्र को उछालता, और अपनी बुद्धि से घपण्ड को छेद देता है।

13. उसकी आत्मा से आकाशमण्डल स्वच्छ हो जाता है, वह अपने हाथ से वेग भागने वाले नाग को मार देता है।

14. देखो, ये तो उसकी गति के किनारे ही हैं; और उसकी आहट फुसफुसाहट ही सी तो सुन पड़ती है, फिर उसके पराक्रम के गरजने का भेद कौन समझ सकता है?

अय्यूब 26