12. वे रात को दिन ठहराते; वे कहते हैं, अन्धियारे के निकट उजियाला है।
13. यदि मेरी आशा यह हो कि अधोलोक मेरा धाम होगा, यदि मैं ने अन्धियारे में अपना बिछौना बिछा लिया है,
14. यदि मैं ने सड़ाहट से कहा कि तू मेरा पिता है, और कीड़े से, कि तू मेरी मां, और मेरी बहिन है,
15. तो मेरी आशा कहां रही? और मेरी आशा किस के देखने में आएगी?
16. वह तो अधोलोक में उतर जाएगी, और उस समेत मुझे भी मिट्टी में विश्राम मिलेगा।