1. जब राजा अपने भवन में रहता था, और यहोवा ने उसको उसके चारों ओर के सब शत्रुओं से विश्राम दिया था,
2. तब राजा नातान नाम भविष्यद्वक्ता से कहने लगा, देख, मैं तो देवदारु के बने हुए घर में रहता हूँ, परन्तु परमेश्वर का सन्दूक तम्बू में रहता है।
3. नातान ने राजा से कहा, जो कुछ तेरे मन में हो उसे कर; क्योंकि यहोवा तेरे संग है।
4. उसी दिन रात को यहोवा का यह वचन नातान के पास पहुंचा,