12. तब उसने खेत के मध्य में खड़े हो कर उसे बचाया, और पलिश्तियों को मार लिया; और यहोवा ने बड़ी विजय दिलाई।
13. फिर तीसों मुख्य सरदारों में से तीन जन कटनी के दिनों में दाऊद के पास अदुल्लाम नाम गुफ़ा में आए, और पलिश्तियों का दल रपाईम नाम तराई में छावनी किए हुए था।
14. उस समय दाऊद गढ़ में था; और उस समय पलिश्तियों की चौकी बेतलेहेम में थी।
15. तब दाऊद ने बड़ी अभिलाषा के साथ कहा, कौन मुझे बेतलेहेम के फाटक के पास के कुएं का पानी पिलाएगा?
16. तो वे तीनों वीर पलिश्तियों की छावनी में टूट पड़े, और बेतलेहेम के फाटक के कुंए से पानी भर के दाऊद के पास ले आए। परन्तु उसने पीने से इनकार किया, और यहोवा के साम्हने अर्घ करके उण्डेला,
17. और कहा, हे यहोवा, मुझ से ऐसा काम दूर रहे। क्या मैं उन मनुष्यों का लोहू पीऊं जो अपने प्राणों पर खेल कर गए थे? इसलिये उसने उस पानी को पीने से इनकार किया। इन तीन वीरों ने तो ये ही काम किए।
18. और अबीशै जो सरूयाह के पुत्र योआब का भाई था, वह तीनों से मुख्य था। उसने अपना भाला चला कर तीन सौ को मार डाला, और तीनों में नामी हो गया।
19. क्या वह तीनों से अधिक प्रतिष्ठित न था? और इसी से वह उनका प्रधान हो गया; परन्तु मुख्य तीनों के पद को न पहुंचा।
20. फिर यहोयादा का पुत्र बनायाह था, जो कबसेलवासी एक बड़े काम करने वाले वीर का पुत्र था; उसने सिंह सरीखे दो मोआबियों को मार डाला। और बर्फ के समय उसने एक गड़हे में उतर के एक सिंह को मार डाला।