10. तब अय्या की बेटी रिस्पा ने टाट ले कर, कटनी के आरम्भ से ले कर जब तक आकाश से उन पर अत्यन्त वृष्टि न पड़ी, तब तक चट्टान पर उसे अपने नीचे बिछाये रही; और न तो दिन में आकाश के पक्षियों को, और न रात में बनैले पशुओं को उन्हें छूने दिया।
11. जब अय्या की बेटी शाऊल की रखेली रिस्पा के इस काम का समाचार आऊद को मिला,
12. तब दाऊद ने जा कर शाऊल और उसके पुत्र योनातन की हड्डियों को गिलादी याबेश के लोगों से ले लिया, जिन्होंने उन्हें बेतशान के उस चौक से चुरा लिया था, जहां पलिश्तियों ने उन्हें उस दिन टांगा था, जब उन्होंने शाऊल को गिल्बो पहाड़ पर मार डाला था;
13. तो वह वहां से शाऊल और उसके पुत्र योनातन की हड्डियों को ले आया; और फांसी पाए हुओं की हड्डियां भी इकट्ठी की गई।
14. और शाऊल और उसके पुत्र योनातन की हड्डियां बिन्यामीन के देश के जेला में शाऊल के पिता कीश के क़ब्रिस्तान गाड़ी गई; और दाऊद की सब आज्ञाओं के अनुसार काम हुआ। और उसके बाद परमेश्वर ने देश के लिये प्रार्थना सुन ली।
15. पलिश्तियों ने इस्राएल से फिर युद्ध किया, और दाऊद अपने जनों समेत जा कर पलिश्तियों से लड़ने लगा; परन्तु दाऊद थक गया।
16. तब यिशबोबनोब, जो रपाई के वंश का था, और उसके भाले का फल तौल में तीन सौ शेकेल पीतल का था, और वह नई तलवार बान्धे हुए था, उसने दाऊद को मारने को ठाना।
17. परन्तु सरूयाह के पुत्र अबीशै ने दाऊद की सहायता करके उस पलिश्ती को ऐसा मारा कि वह मर गया। तब दाऊद के जनों ने शपथ खाकर उस से कहा, तू फिर हमारे संग युद्ध को जाने न पाएगा, ऐसा न हो कि तेरे मरने से इस्राएल का दिया बुझ जाए।
18. इसके बाद पलिश्तियों के साथ गोब में फिर युद्ध हुआ; उस समय हूशाई सिब्बकै ने रपाईवंशी सप को मारा।
19. और गोब में पलिश्तियों के साथ फिर युद्ध हुआ; उस में बेतलेहेम वासी यारयोरगीम के पुत्र एल्हनान ने गती गोल्यत को मार डाला, जिसके बर्छे की छड़ जोलाहे की डोंगी के समान थी।
20. फिर गत में भी युद्ध हुआ, और वहां एक बड़ी डील का रपाईवंशी पुरुष था, जिसके एक एक हाथ पांव में, छ: छ: उंगली, अर्थात गिनती में चौबीस उंगलियां थीं।
21. जब उसने इस्राएल को ललकारा, तब दाऊद के भाई शिमा के पुत्र यहोनातान ने उसे मारा।
22. ये ही चार गत में उस रपाई से उत्पन्न हुए थे; और वे दाऊद और उसके जनों से मार डाले गए।