2 राजा 6:13-29 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

13. राजा ने कहा, जा कर देखो कि वह कहां है, तब मैं भेज कर उसे पकड़वा मंगाऊंगा। और उसको यह समाचार मिला कि वह दोतान में है।

14. तब उसने वहां घोड़ों और रथों समेत एक भारी दल भेजा, और उन्होंने रात को आकर नगर को घेर लिया।

15. भोर को परमेश्वर के भक्त का टहलुआ उठा और निकल कर क्या देखता है कि घोड़ों और रथों समेत एक दल नगर को घेरे हुए पड़ा है। और उसके सेवक ने उस से कहा, हाय! मेरे स्वामी, हम क्या करें?

16. उसने कहा, मत डर; क्योंकि जो हमारी ओर हैं, वह उन से अधिक हैं, जो उनकी ओर हैं।

17. तब एलीशा ने यह प्रार्थना की, हे यहोवा, इसकी आंखें खोल दे कि यह देख सके। तब यहोवा ने सेवक की आंखें खोल दीं, और जब वह देख सका, तब क्या देखा, कि एलीशा के चारों ओर का पहाड़ अग्निमय घोड़ों और रथों से भरा हुआ है।

18. जब अरामी उसके पास आए, तब एलीशा ने यहोवा से प्रार्थना की कि इस दल को अन्धा कर डाल। एलीशा के इस वचन के अनुसार उसने उन्हें अन्धा कर दिया।

19. तब एलीशा ने उन से कहा, यह तो मार्ग नहीं है, और न यह नगर है, मेरे पीछे हो लो; मैं तुम्हें उस मनुष्य के पास जिसे तुम ढूंढ़ रहे हो पहुंचाऊंगा। तब उसने उन्हें शोमरोन को पहुंचा दिया।

20. जब वे शोमरोन में आ गए, तब एलीशा ने कहा, हे यहोवा, इन लोगों की आंखें खोल कि देख सकें। तब यहोवा ने उनकी आंखें खोलीं, और जब वे देखने लगे तब क्या देखा कि हम शोमरोन के मध्य में हैं।

21. उन को देखकर इस्राएल के राजा ने एलीशा से कहा, हे मेरे पिता, क्या मैं इन को मार लूं? मैं उन को मार लूं?

22. उसने उत्तर दिया, मत मार। क्या तू उन को मार दिया करता है, जिन को तू तलवार और धनुष से बन्धुआ बना लेता है? तू उन को अन्न जल दे, कि खा पीकर अपने स्वामी के पास चले जाएं।

23. तब उसने उनके लिये बड़ी जेवनार की, और जब वे खा पी चुके, तब उसने उन्हें बिदा किया, और वे अपने स्वामी के पास चले गए। इसके बाद अराम के दल इस्राएल के देश में फिर न आए।

24. परन्तु इसके बाद अराम के राजा बेन्हदद ने अपनी समस्त सेना इकट्ठी कर के, शोमरोन पर चढ़ाई कर दी और उसको घेर लिया।

25. तब शोमरोन में बड़ा अकाल पड़ा और वह ऐसा घिरा रहा, कि अन्त में एक गदहे का सिर चान्दी के अस्सी टुकड़ों में और कब की चौथाई भर कबूतर की बीट पांच टुकड़े चान्दी तक बिकने लगी।

26. और इस्राएल का राजा शहरपनाह पर टहल रहा था, कि एक स्त्री ने पुकार के उस से कहा, हे प्रभु, हे राजा, बचा।

27. उसने कहा, यदि यहोवा तुझे न बचाए, तो मैं कहां से तुझे बचाऊं? क्या खलिहान में से, वा दाखरस के कुण्ड में से?

28. फिर राजा ने उस से पूछा, तुझे क्या हुआ? उसने उत्तर दिया, इस स्त्री ने मुझ से कहा था, मुझे अपना बेटा दे, कि हम आज उसे खा लें, फिर कल मैं अपना बेटा दूंगी, और हम उसे भी खाएंगी।

29. तब मेरे बेटे को पका कर हम ने खा लिया, फिर दूसरे दिन जब मैं ने इस से कहा कि अपना बेटा दे कि हम उसे खा लें, तब इस ने अपने बेटे को छिपा रखा।

2 राजा 6