9. और उसने यहोवा के भवन और राजभवन और यरूशलेम के सब घरों को अर्थात हर एक बड़े घर को आग लगा कर फूंक दिया।
10. और यरूशलेम के चारों ओर की सब शहरपनाह को कसदियो की पूरी सेना ने जो जल्लादों के प्रधान के संग थी ढा दिया।
11. और जो लोग नगर में रह गए थे, और जो लोग बाबेल के राजा के पास भाग गए थे, और साधारण लोग जो रह गए थे, इन सभों को जल्लादों का प्रधान नबूजरदान बन्धुआ कर के ले गया।
12. परन्तु जल्लादों के प्रधान ने देश के कंगालों में से कितनों को दाख की बारियों की सेवा और काश्तकारी करने को छोड़ दिया।
13. और यहोवा के भवन में जो पीतल के खम्भे थे और कुसिर्यां और पीतल का हौद जो यहोवा के भवन में था, इन को कसदी तोड़ कर उनका पीतल बाबेल को ले गए।
14. और हण्डियों, फावडिय़ों, चिमटों, धूपदानों और पीतल के सब पात्रों को जिन से सेवा टहल होती थी, वे ले गए।
15. और करछे और कटोरियां जो सोने की थीं, और जो कुछ चान्दी का था, वह सब सोना, चान्दी, जल्लादों का प्रधान ले गया।
16. दोनों खम्भे, एक हौद और जो कुसिर्यां सुलैमान ने यहोवा के भवन के लिये बनाए थे, इन सब वस्तुओं का पीतल तौल से बाहर था।
17. एक एक खम्भे की ऊंचाई अठारह अठारह हाथ की थी और एक एक खम्भे के ऊपर तीन तीन हाथ ऊंची पीतल की एक एक कंगनी थी, और एक एक कंगनी पर चारों ओर जो जाली और अनार बने थे, वे सब पीतल के थे।
18. और जल्लादों के प्रधान ने सरायाह महायाजक और उस के नीचे के याजक सपन्याह और तीनों द्वारपालों को पकड़ लिया।
19. और नगर में से उसने एक हाकिम को पकड़ा जो योद्धाओं के ऊपर था, और जो पुरुष राजा के सम्मुख रहा करते थे, उन में से पांच जन जो नगर में मिले, और सेनापति का मुन्शी जो लोगों को सेना में भरती किया करता था; और लोगों में से साठ पुरुष जो नगर में मिले।
20. इन को जल्लादों का प्रधान नबूजरदान पकड़ कर रिबला के राजा के पास ले गया।
21. तब बाबेल के राजा ने उन्हें हमात देश के रिबला में ऐसा मारा कि वे मर गए। यों यहूदी बन्धुआ बन के अपने देश से निकाल दिए गए।
22. और जो लोग यहूदा देश में रह गए, जिन को बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर ने छोड़ दिया, उन पर उसने अहीकाम के पुत्र गदल्याह को जो शापान का पोता था अधिकारी ठहराया।
23. जब दलों के सब प्रधानों ने अर्थात नतन्याह के पुत्र इश्माएल कारेहू के पुत्र योहानान, नतोपाई, तन्हूमेत के पुत्र सरायाह और किसी माकाई के पुत्र याजन्याह ने और उनके जनों ने यह सुना, कि बाबेल के राजा ने गदल्याह को अधिकारी ठहराया है, तब वे अपने अपने जनों समेत मिस्पा में गदल्याह के पास आए।