1. जब मनश्शे राज्य करने लगा, तब वह बारह वर्ष का था, और यरूशलेम में पचपन वर्ष तक राज्य करता रहा; और उसकी माता का नाम हेप्सीबा था।
2. उसने उन जातियों के घिनौने कामों के अनुसार, जिन को यहोवा ने इस्राएलियों के साम्हने देश से निकाल दिया था, वह किया, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था।
3. उसने उन ऊंचे स्थानों को जिन को उसके पिता हिजकिय्याह ने नाश किया था, फिर बनाया, और इस्राएल के राजा अहाब की नाईं बाल के लिये वेदियां और एक अशेरा बनवाई, और आकाश के कुल गण को दण्डवत और उनकी उपासना करता रहा।
4. और उसने यहोवा के उस भवन में वेदियां बनाईं जिसके विषय यहोवा ने कहा था, कि यरूशलेम में मैं अपना नाम रखूंगा।
5. वरन यहोवा के भवन के दोनों आंगनों में भी उसने आकाश के कुल गण के लिये वेदियां बनाईं।
6. फिर उसने अपने बेटे को आग में होम कर के चढ़ाया; और शुभ-अशुभ मुहुर्तों को मानता, और टोना करता, और ओझों और भूत सिद्धि वालों से व्यवहार करता था; वरन उसने ऐसे बहुत से काम किए जो यहोवा की दृष्टि में बुरे हैं, और जिन से वह क्रोधित होता है।
7. और अशेरा की जो मूरत उसने खुदवाई, उसको उसने उस भवन में स्थापित किया, जिसके विषय यहोवा ने दाऊद और उसके पुत्र सुलैमान से कहा था, कि इस भवन में और यरूशलेम में, जिस को मैं ने इस्राएल के सब गोत्रों में से चुन लिया है, मैं सदैव अपना नाम रखूंगा।
8. और यदि वे मेरी सब आज्ञाओं के और मेरे दास मूसा की दी हुई पूरी व्यवस्था के अनुसार करने की चौकसी करें, तो मैं ऐसा न करूंगा कि जो देश मैं ने इस्राएल के पुरखओं को दिया था, उस से वे फिर निकल कर मारे मारे फिरें।
9. परन्तु उन्होंने न माना, वरन मनश्शे ने उन को यहां तक भटका दिया कि उन्होंने उन जातियों से भी बढ़ कर बुराई की जिन्हें यहोवा ने इस्राएलियों के साम्हने से विनाश किया था।
10. इसलिये यहोवा ने अपने दास भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा कहा,
11. कि यहूदा के राजा मनश्शे ने जो ये घृणित काम किए, और जितनी बुराइयां एमोरियों ने जो उस से पहिले थे की थीं, उन से भी अधिक बुराइयां कीं; और यहूदियों से अपनी बनाई हुई मूरतों की पूजा करवा के उन्हें पाप में फंसाया है।