4. और ऐसा हुआ कि यशायाह नगर के बीच तक जाने भी न पाया था कि यहोवा का यह वचन उसके पास पहुंचा,
5. कि लौटकर मेरी प्रजा के प्रधान हिजकिय्याह से कह, कि तेरे मूलपुरुष दाऊद का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि मैं ने तेरी प्रार्थना सुनी और तेरे आंसू देखे हैं; देख, मैं तुझे चंगा करता हूँ; परसों तू यहोवा के भवन में जा सकेगा।
6. और मैं तेरी आयु पन्द्रह वर्ष और बढ़ा दूंगा। और अश्शूर के राजा के हाथ से तुझे और इस नगर को बचाऊंगा, और मैं अपने निमित्त और अपने दास दाऊद के निमित्त इस नगर की रक्षा करूंगा।
7. तब यशायाह ने कहा, अंजीरों की एक टिकिया लो। जब उन्होंने उसे ले कर फोड़े पर बान्धा, तब वह चंगा हो गया।
8. हिजकिय्याह ने यशायाह से पूछा, यहोवा जो मुझे चंगा करेगा और मैं परसों यहोवा के भवन को जा सकूंगा, इसका क्या चिन्ह होगा?
9. यशायाह ने कहा, यहोवा जो अपने कहे हुए वचन को पूरा करेगा, इस बात का यहोवा की ओर से तेरे लिये यह चिन्ह होगा, कि धूपघड़ी की छाया दस अंश आगे बढ़ जाएगी, व दस अंश घट जाएगी।