20. और रजा सुलैमान के पीने के सब पात्र सोने के थे, और लबानोनी बन नामक भवन के सब पात्र भी चोखे सोने के थे; सुलैमान के दिनों में चान्दी का कुछ हिसाब न था।
21. क्योंकि हूराम के जहाजियों के संग राजा के तशींश को जाने वाले जहाज थे, और तीन तीन वर्ष के बाद वे तशींश के जहाज सोना, चान्दी, हाथीदांत, बन्दर और मोर ले आते थे।
22. यों राजा सुलैमान धन और बुद्धि में पृथ्वी के सब राजाओं से बढ़ कर हो गया।
23. और पृथ्वी के सब राजा सुलैमान की उस बुद्धि की बातें सुनने को जो परमेश्वर ने उसके मन में उपजाई थीं उसका दर्शन करना चाहते थे।
24. और वे प्रति वर्ष अपनी अपनी भेंट अर्थात चान्दी और सोने के पात्र, वस्त्र-शस्त्र, सुगन्धद्रव्य, घोड़े और खच्चर ले आते थे।
25. और अपने घोड़ों और रथों के लिये सुलैमान के चार हजार थान और बारह हजार सवार भी थे, जिन को उसने रथों के नगरों में और यरूशलेम में राजा के पास ठहरा रखा।
26. और वह महानद से ले पलिश्तियों के देश और मिस्र के सिवाने तक के सब राजाओं पर प्रभुता करता था।