2 इतिहास 9:1-11 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. जब शीबा की रानी ने सुलैमान की कीर्ति सुनी, तब वह कठिन कठिन प्रश्नों से उसकी परीक्षा करने के लिये यरूशलेम को चली। वह बहुत भारी दल और मसालों और बहुत सोने और मणि से लदे ऊंट साथ लिये हुए आई, और सुलैमान के पास पहुंच कर उस से अपने मन की सब बातों के विषय बातें कीं।

2. सुलैमान ने उसके सब प्रश्नों का उत्तर दिया, कोई बात सुलैमान की बुद्धि से ऐसी बाहर न रही कि वह उसे न बता सके।

3. जब शीबा की रानी ने सुलैमान की बुद्धिमानी और उसका बनाया हुआ भवन

4. और उसकी मेज पर का भोजन देखा, और उसके कर्मचारी किस रीति बैठते और उसके ठहलुए किस रीति खड़े रहते और कैसे कैसे कपड़े पहिने रहते हैं, और उसके पिलाने वाले कैसे हैं, और वे कैसे कपड़े पहिने हैं, और वह कैसी चढ़ाई है जिस से वह यहोवा के भवन को जाया करता है, जब उसने यह सब देखा, तब वह चकित हो गई।

5. तब उसने राजा से कहा, मैं ने तेरे कामों और बुद्धिमानी की जो कीर्ति अपने देश में सुनी वह सच ही है।

6. परन्तु जब तक मैं ने आप ही आ कर अपनी आंखों से यह न देखा, तब तक मैं ने उनकी प्रतीति न की; परन्तु तेरी बुद्धि की आधी बड़ाई भी मुझे न बताई गई थी; तू उस कीर्ति से बढ़ कर है जो मैं ने सुनी थी।

7. धन्य हैं तेरे जन, धन्य हैं तेरे ये सेवक, जो नित्य तेरे सम्मुख उपस्थित रहकर तेरी बुद्धि की बातें सुनते हैं।

8. धन्य है तेरा परमेश्वर यहोवा, जो तुझ से ऐसा प्रसन्न हुआ, कि तुझे अपनी राजगद्दी पर इसलिये विराजमान किया कि तू अपने परमेश्वर यहोवा की ओर से राज्य करे; तेरा परमेश्वर जो इस्राएल से प्रेम कर के उन्हें सदा के लिये स्थिर करना चाहता था, उसी कारण उसने तुझे न्याय और धर्म करने को उनका राजा बना दिया।

9. और उसने राजा को एक सौ बीस किक्कार सोना, बहुत सा सुगन्ध द्रय्य, और मणि दिए; जैसे सुगन्धद्रव्य शीबा की रानी ने राजा सुलैमान को दिए, वैसे देखने में नहीं आए।

10. फिर हूराम और सुलैमान दोनों के जहाजी जो ओपीर से सोना लाते थे, वे चन्दन की लकड़ी और मणि भी लाते थे।

11. और राजा ने चन्दन की लकड़ी से यहोवा के भवन और राजभवन के लिये चबूतरे और गवैयों के लिये वीणाएं और सारंगियां बनवाई; ऐसी वस्तुएं उस से पहिले यहूदा देश में न देख पड़ी थीं

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