13. और दोनों जालियों के लिये चार सौ अनार और जो गोले खम्भों के सिरों पर थे, उन को ढांपनेवाली एक एक जाली के लिये अनारों की दो दो पांति बनाईं।
14. फिर उस न कुसिर्यां और कुसिर्यों पर की हौदियां,
15. और उनके नीचे के बारह बैल बनाए।
16. फिर हूराम-अबी ने हण्डों, फावडिय़ों, कांटों और इनके सब सामान को यहोवा के भवन के लिये राजा सुलैमान की आज्ञा से झलकाए हुए पीतल के बनवाए।
17. राजा ने उसको यरदन की तराई में अर्थात सुक्कोत और सरेदा के बीच की चिकनी मिट्टीवाली भूमि में ढलवाया।
18. सुलैमान ने ये सब पात्र बहुत बनवाए, यहां तक कि पीतल के तौल का हिसाब न था।
19. और सुलैमान ने परमेश्वर के भवन के सब पात्र, सोने की वेदी, और वे मेज जिन पर भेंट की रोटी रखी जाती थीं,