6. वह इस्राएल के राजाओं की सी चाल चला, जैसे अहाब का घराना चलता था, क्योंकि उसकी पत्नी अहाब की बेटी थी। और वह उस काम को करता था, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है।
7. तौभी यहोवा ने दाऊद के घराने को नाश करना न चाहा, यह उस वाचा के कारण था, जो उसने दाऊद से बान्धी थी। और उस वचन के अनुसार था, जो उसने उसको दिया था, कि में ऐसा करूंगा कि तेरा और तेरे वंश का दीपक कभी न बुझेगा।
8. उसके दिनों में एदोम ने यहूदा की आधीनता छोड़ कर अपने ऊपर एक राजा बना लिया।
9. सो यहोराम अपने हाकिमों और अपने सब रथों को साथ ले कर उधर गया, और रथों के प्रधानों को मारा।
10. यों एदोम यहूदा के वश से छूट गया और आज तक वैसा ही है। उसी समय लिब्ना ने भी उसकी आधीनता छोड़ दी, यह इस कारण हुआ, कि उसने अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा को त्याग दिया था।
11. और उसने यहूदा के पहाड़ों पर ऊंचे स्थान बनाए और यरूशलेम के निवासियों व्यभिचार कराया, और यहूदा को बहका दिया।
12. तब एलिय्याह नबी का एक पत्र उसके पास आया, कि तेरे मूलपुरुष दाऊद का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि तू जो न तो अपने पिता यहोशापात की लीक पर चला है और न यहूदा के राजा आसा की लीक पर,
13. वरन इस्राएल के राजाओं की लीक पर चला है, और अहाब के घराने की नाईं यहूदियों और यरूशलेम के निवासियों व्यभिचार कराया है और अपने पिता के घराने में से अपने भाइयों को जो तुझ से अच्छे थे, घात किया है,
14. इस कारण यहोवा तेरी प्रजा, पुत्रों, स्त्रियों और सारी सम्मत्ति को बड़ी मार से मारेगा।
15. और तू अंतडिय़ों के रोग से बहुत पीड़ित हो जाएगा, यहां तक कि उस रोग के कारण तेरी अंतडिय़ां प्रतिदिन निकलती जाएंगी।
16. और यहोवा ने पलिश्तियों को और कूशियों के पास रहने वाले अरबियों को, यहोराम के विरुद्ध उभारा।
17. और वे यहूदा पर चढ़ाई कर के उस पर टूट पड़े, और राजभवन में जितनी सम्पत्ति मिली, उस सब को और राजा के पुत्रों और स्त्रियों को भी ले गए, यहां तक कि उसके लहुरे बेटे यहोआहाज को छोड़, उसके पास कोई भी पुत्र न रहा।
18. इन सब के बाद यहोवा ने उसे अंतडिय़ों के असाध्यरोग से पीड़ित कर दिया।