तुम्हारे भाई जो अपने अपने नगर में रहते हैं, उन में से जिसका कोई मुकद्दमा तुम्हारे साम्हने आए, चाहे वह खून का हो, चाहे व्यवस्था, अथवा किसी आज्ञा या विधि वा नियम के विषय हो, उन को चिता देना, कि यहोवा के विषय दोषी न होओ। बेसा न हो कि तुम पर और तुम्हारे भाइयों पर उसका क्रोध भड़के। ऐसा करो तो तुम दोषी न ठहरोगे।