1 राजा 21:5-16 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

5. तब उसकी पत्नी ईज़ेबेल ने उसके पास आकर पूछा, तेरा मन क्यों ऐसा उदास है कि तू कुछ भोजन नहीं करता?

6. उसने कहा, कारण यह है, कि मैं ने यिज्रेली नाबोत से कहा कि रुपया ले कर मुझे अपनी दाख की बारी दे, नहीं तो यदि तू चाहे तो मैं उसकी सन्ती दूसरी दाख की बारी दूंगा; और उसने कहा, मैं अपनी दाख की बारी तुझे न दूंगा।

7. उसकी पत्नी ईज़ेबेल ने उस से कहा, क्या तू इस्राएल पर राज्य करता है कि नहीं? उठ कर भोजन कर; और तेरा मन आनन्दित हो; यिज्रेली नाबोत की दाख की बारी मैं तुझे दिलवा दूंगी।

8. तब उसने अहाब के नाम से चिट्ठी लिखकर उसकी अंगूठी की छाप लगाकर, उन पुरनियों और रईसों के पास भेज दी जो उसी नगर में नाबोत के पड़ोस में रहते थे।

9. उस चिट्ठी में उसने यों लिखा, कि उपवास का प्रचार करो, और नाबोत को लोगों के साम्हने ऊंचे स्थान पर बैठाना।

10. तब दो नीच जनों को उसके साम्हने बैठाना जो साक्षी देकर उस से कहें, तू ने परमेश्वर और राजा दोनों की निन्दा की। तब तुम लोग उसे बाहर ले जा कर उसको पत्थरवाह करना, कि वह मर जाए।

11. ईज़ेबेल की चिट्ठी में की आज्ञा के अनुसार नगर में रहने वाले पुरनियों और रईसों ने उपवास का प्रचार किया,

12. और नाबोत को लोगों के साम्हने ऊंचे स्थान पर बैठाया।

13. तब दो नीच जन आकर उसके सम्मुख बैठ गए; और उन नीच जनों ने लोगों लोगों के साम्हने नाबोत के विरुद्ध यह साक्षी दी, कि नाबोत ने परमेश्वर और राजा दोनों की निन्दा की। इस पर उन्होंने उसे नगर से बाहर ले जा कर उसको पत्थरवाह किया, और वह मर गया।

14. तब उन्होंने ईज़ेबेल के पास यह कहला भेजा कि नाबोत पत्थरवाह करके मार डाला गया है।

15. यह सुनते ही कि नाबोत पत्थरवाह करके मार डाला गया है, ईज़ेबेल ने अहाब से कहा, उठ कर यिज्रेली नाबोत की दाख की बारी को जिसे उसने तुझे रुपया ले कर देने से भी इनकार किया था अपने अधिकार में ले, क्योंकि नाबोत जीवित नहीं परन्तु वह मर गया है।

16. यिज्रेली नाबोत की मृत्यु का समाचार पाते ही अहाब उसकी दाख की बारी अपने अधिकार में लेने के लिये वहां जाने को उठ खड़ा हुआ।

1 राजा 21