38. तब यहोवा की आग आकाश से प्रगट हुई और होमबलि को लकड़ी और पत्थरों और धूलि समेत भस्म कर दिया, और गड़हे में का जल भी सुखा दिया।
39. यह देख सब लोग मुंह के बल गिरकर बोल उठे, यहोवा ही परमेश्वर है, यहोवा ही परमेश्वर है;
40. एलिय्याह ने उन से कहा, बाल के नबियों को पकड़ लो, उन में से एक भी छूटने न पाए; तब उन्होंने उन को पकड़ लिया, और एलिय्याह ने उन्हें नीचे किशोन के नाले में ले जा कर मार डाला।
41. फिर एलिय्याह ने अहाब से कहा, उठ कर खा पी, क्योंकि भारी वर्षा की सनसनाहट सुन पडती है।
42. तब अहाब खाने पीने चला गया, और एलिय्याह कर्म्मेल की चोटी पर चढ़ गया, और भूमि पर गिर कर अपना मुंह घुटनों के बीच किया।
43. और उसने अपने सेवक से कहा, चढ़कर समुद्र की ओर दृष्टि कर देख, तब उसने चढ़ कर देखा और लौट कर कहा, कुछ नहीं दीखता। एलिय्याह ने कहा, फिर सात बार जा।