1. किसी बूढ़े को न डांट; पर उसे पिता जान कर समझा दे, और जवानों को भाई जान कर; बूढ़ी स्त्रियों को माता जान कर।
2. और जवान स्त्रियों को पूरी पवित्रता से बहिन जान कर, समझा दे।
3. उन विधवाओं का जो सचमुच विधवा हैं आदर कर।
4. और यदि किसी विधवा के लड़के बाले या नाती पोते हों, तो वे पहिले अपने ही घराने के साथ भक्ति का बर्ताव करना, और अपने माता-पिता आदि को उन का हक देना सीखें, क्योंकि यह परमेश्वर को भाता है।