20. एप्रैम से अजज्याह का पुत्र होशे, मनश्शे से आधे गोत्र का, फ़दायाह का पुत्र योएल।
21. गिलाद में आधे गोत्र मनश्शे से जकर्याह का पुत्र इद्दो, बिन्यामीन से अब्नेर का पुत्र यासीएल,
22. और दान से यारोहाम का पुत्र अजरेल, ठहरा। ये ही इस्राएल के गोत्रों के हाकिम थे।
23. परन्तु दाऊद ने उनकी गिनती बीस वर्ष की अवस्था के नीचे न की, क्योंकि यहोवा ने इस्राएल की गिनती आकाश के तारों के बराबर बढ़ाने के लिये कहा था।
24. सरूयाह का पुत्र योआब गिनती लेने लगा, पर निपटा न सका क्योंकि ईश्वर का क्रोध इस्राएल पर भड़का, और यह गिनती राजा दाऊद के इतिहास में नहीं लिखी गई।
25. फिर अदीएल का पुत्र अजमावेत राज भण्डारों का अधिकारी था, और देहात और नगरों और गांवों और गढ़ों के भण्डारों का अधिकारी उज्जिय्याह का पुत्र यहोनातान था।
26. और जो भूमि को जोतकर बोकर खेती करते थे, उनका अधिकारी कलूब का पुत्र एज्री था।
27. और दाख की बारियों का अधिकारी रामाई शिमी और दाख की बारियों की उपज जो दाखमधु के भण्डारों में रखने के लिये थी, उसका अधिकारी शापामी जब्दी था।
28. ओर नीचे के देश के जलपाई और गूलर के वृक्षों का अधिकारी गदेरी बाल्हानान था और तेल के भण्डारों का अधिकारी योआश था।
29. और शारोन में चरने वाले गाय-बैलों का अधिकारी शारोनी शित्रै था और तराइयों के गाय-बैलों का अधिकारी अदलै का पुत्र शापात था।
30. और ऊंटों का अधिकारी इश्माएली ओबील और गदहियों का अधिकारी मेरोनोतवासी येहदयाह।
31. और भैड़-बकरियों का अधिकारी हग्री याजीज था। ये ही सब राजा दाऊद के धन सम्पत्ति के अधिकारी थे।
32. और दाऊद का भतीजा योनातान एक समझदार मंत्री और शास्त्री था, और किसी हक्मोनी का पुत्र एहीएल राजपुत्रों के संग रहा करता था।
33. और अहीतोपेल राजा का मंत्री था, और एरेकी हूशै राजा का मित्र था।
34. और यहीतोपेल के बाद बनायाह का पुत्र यहोयादा और एब्यातार मंत्री ठहराए गए। और राजा का प्रधान सेनापति योआब था।