5. परमेश्वर की प्रतिज्ञानुकूल जो उसका नाम बढ़ाने की यी, थे सब हेमान के पुत्र थे जो राजा का दशीं या; क्योंकि परमेश्वर ने हेमान को चौदह बेटे और तीन बेटियां दीं यीं।
6. थे सब यहोवा के भवन में गाने के लिथे अपके अपके पिता के अधीन रहकर, परमेश्वर के भवन, की सेवकाई में फांफ, सारंगी और वीणा बजाते थे। और आसाप, यदूतून और हेमान राजा के अधीन रहते थे।
7. इन सभोंकी गिनती भाइयोंसमेत जो यहोवा के गीत सीखे हुए और सब प्रकार से निपुण थे, दो सौ अठासी यी।
8. और उन्होंने क्या बड़ा, क्या छोटा, क्या गुरू, क्या चेला, अपक्की अपक्की बारी के लिथे चिट्ठी डाली।
9. और पहिली चिट्ठी आसाप के बेटोंमें से योसेप के नाम पर निकली, दूसरी गदल्याह के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
10. तीसरी जक्कूर के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
11. चौयी यिस्री के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
12. पांचक्कीं नतन्याह के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
13. छठीं बुक्किय्याह के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
14. सातवीं यसरेला के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
15. आठवीं यशायाह के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
16. नौवीं मतन्याह के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई समेत बारह थे।
17. दसवीं शिमी के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
18. ग्यारहवीं अजरेल के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
19. बारहवीं हशब्याह के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
20. तेरहवी शूबाएल के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
21. चौदहवीं मत्तिय्याह के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
22. पन्द्रहवीं यरेमोत के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।