5. तब वे चिट्ठी डाल कर बराबर बराबर बांटे गए, क्योंकि एलीआजर और ईतामार दोनों के वंशों में पवित्रस्थान के हाकिम और परमेश्वर के हाकिम नियुक्त हुए थे।
6. और नतनेल के पुत्र शमायाह ने जो लेवीय था, उनके नाम राजा और हाकिमों और सादोक याजक, और एब्यातार के पुत्र अहीमेलेक और याजकों और लेवियों के पितरों के घरानों के मुख्य पुरुषों के साम्हने लिखे; अर्थात पितरों का एक घराना तो एलीआजर के वंश में से और एक ईतामार के वंश में से लिया गया।
7. पहिली चिट्ठी तो यहोयारीब के, और दूसरी यदायाह,
8. तीसरी हारीम के, चौथी सोरीम के,
9. पांचवीं मल्किय्याह के, छठवीं मिय्यामीन के,
10. सातवीं हक्कोस के, आठवीं अबिय्याह के,
11. नौवीं येशू के, दसवीं शकन्याह के,
12. ग्यारहवीं एल्याशीब के, बारहवीं याकीम के,
13. तेरहवीं हुप्पा के, चौदहवीं येसेबाब के,
14. पन्द्रहवीं बिल्गा के, सोलहवीं इम्मेर के,
15. सतरहवीं हेजीर के, अठारहवीं हप्पित्सेस के,
16. उन्नीसवीं पतह्याह के, बीसवीं यहेजकेल के,
17. इक्कीसवीं याकीन के, बाईसवीं गामूल के,
18. तेईसवीं दलायाह के, और चौबीसवीं साज्याह के नाम पर निकलीं।
19. उनकी सेवकाई के लिये उनका यही नियम ठहराया गया कि वे अपने उस नियम के अनुसार जो इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार उनके मूलपुरुष हारून ने चलाया था, यहोवा के भवन में जाया करें।
20. बचे हुए लेवियों में से अम्राम के वंश में से शूबाएल, शूबाएल के वंश में से येहदयाह।
21. बचा रहब्याह, सोरहब्याह, के वंश में से यिश्शिय्याह मुख्य था।
22. इसहारियों में से शलोमोत और हालोमोत के वंश में से यहत।
23. और हेब्रोन के वंश में से मुख्य तो यरिय्याह, दूसरा अमर्याह, तीसरा यहजीएल, और चौथा यकमाम।