2. तब उसने इस्राएल के सब हाकिमों और याजकों और लेवियों को इकट्ठा किया।
3. और जितने लेवीय तीस वर्ष के और उस से अधिक अवस्था के थे, वे गिने एए, और एक एक पुरुष के गिनने से उनकी गिनती अड़तीस हजार हुई।
4. इन में से चौबीस हजार तो यहोवा के भवन का काम चलाने के लिये नियुक्त हुए, और छ: हजार सरदार और न्यायी।
5. और चार हजार द्वारपाल नियुक्त हुए, और चार हजार उन बाजों से यहोवा की स्तुति करने के लिये ठहराए गए जो दाऊद ने स्तुति करने के लिये बनाए थे।
6. फिर दाऊद ने उन को गेर्शोन, कहात और मरारी नाम लेवी के पुत्रों के अनुसार दलों में अलग अलग कर दिया।
7. गेर्शोनियों में से तो लादान और शिमी थे।
8. और लादान के पुत्र: सरदार यहीएल, फिर जेताम और योएल ये तीन थे।
9. और शिमी के पुत्र: शलेमीत, हजीएल और हारान से तीन थे। लादान के कुल के पूर्वजों के घरानों के मुख्य पुरुष ये ही थे।
10. फिर शिमी के पुत्र: यहत, जीना, यूश, और वरीआ के पुत्र शिमी यही चार थे।
11. यहत मुख्य था, और जीजा दूसरा; यूश और बरीआ के बहुत बेटे न हुए, इस कारण वे सब मिलकर पितरों का एक ही घराना ठहरे।
12. कहात के पुत्र: अम्राम, यिसहार, हेब्रोन और उज्जीएल चार। अम्राम के पुत्र: हारून और मूसा।
13. हारून तो इसलिये अलग किया गया, कि वह और उसके सन्तान सदा परमपवित्र वस्तुओं को पवित्र ठहराएं, और सदा यहोवा के सम्मुख धूप जलाया करें और उसकी सेवा टहल करें, और उसके नाम से आशीर्वाद दिया करें।
14. परन्तु परमेश्वर के भक्त मूसा के पुत्रों के नाम लेवी के गोत्र के बीच गिने गए।
15. मूसा के पुत्र, गेर्शोम और एलीएजेर।