16. वह वाचा उसने इब्राहीम के साथ बान्धी, उौर उसी के विषय उसने इसहाक से शपथ खाई,
17. और उसी को उसने याकूब के लिये विधि कर के और इस्राएल के लिये सदा की वाचा बान्ध कर यह कह कर दृढ़ किया, कि
18. मैं कनान देश तुझी को दूंगा, वह बांट में तुम्हारा निज भाग होगा।
19. उस समय तो तुम गिनती में थोड़े थे, वरन बहुत ही थोड़े और उस देश में परदेशी थे।
20. और वे एक जाति से दूसरी जाति में, और एक राज्य से दूसरे में फिरते तो रहे,
21. परन्तु उसने किसी मनुष्य को उन पर अन्धेर करने न दिया; और वह राजाओं को उनके निमित्त यह धमकी देता था, कि
22. मेरे अभिषिक्तों को मत छुओ, और न मेरे नबियों की हानि करो।