6. एल्काना, यिशिय्याह, अजरेल, योएजेर, याशोबाम, जो सब कोरहवंशी थे।
7. और गदोरवासी यरोहाम के पुत्र योएला और जबद्याह।
8. फिर जब दाऊद जंगल के गढ़ में रहता था, तब ये गादी जो शूरवीर थे, और युद्ध विद्या सीखे हुए और ढाल और भाला काम में लाने वाले थे, और उनके मुह सिंह के से और वे पहाड़ी मृग के समान वेग से दौड़ने वाले थे, ये और गादियों से अलग हो कर उसके पास आए।
9. अर्थात मुख्य तो एजेर, दूसरा ओबद्याह, तीसरा एलीआब।
10. चौथा मिश्मन्ना, पांचवां यिर्मयाह।
11. छठा अत्तै, सातवां एलीएल।
12. आठवां योहानान, नौवां एलजाबाद।
13. दसवां यिर्मयाह और ग्यारहवां मकबन्नै था।
14. ये गादी मुख्य योद्धा थे, उन में से जो सब से छोटा था वह तो एक सौ के ऊपर, और जो सब से बड़ा था, वह हजार के ऊपर था।
15. ये ही वे हैं, जो पहिले महीने में जब यरदन नदी सब कड़ाड़ों के ऊपर ऊपर बहती थी, तब उसके पार उतरे; और पूर्व और पश्चिम दानों ओर के सब तराई के रहने वालों को भगा दिया।
16. और कई एक बिन्यामीनी और यहूदी भी दाऊद के पास गढ़ में आए।
17. उन से मिलने को दाऊद निकला और उन से कहा, यदि तुम मेरे पास मित्रभाव से मेरी सहायता करने को आए हो, तब तो मेरा मन तुम से लगा रहेगा; परन्तु जो तुम मुझे धोखा देकर मेरे शत्रुओं के हाथ पकड़वाने आए हो, तो हमारे पितरों का परमेश्वर इस पर दृष्टि कर के डांटे, क्योंकि मेरे हाथ से कोई उपद्रव नहीं हुआ।
18. अब आत्मा अमासै में समाया, जो तीसों वीरों में मुख्य था, और उसने कहा, हे दाऊद! हम तेरे हैं; हे यिशै के पुत्र! हम तेरी ओर के हैं, तेरा कुशल ही कुशल हो और तेरे सहायकों का कुशल हो, क्योंकि तेरा परमेश्वर तेरी सहायता किया करता है। इसलिये दाऊद ने उन को रख लिया, और अपने दल के मुखिये ठहरा दिए।
19. फिर कुछ मनश्शेई भी उस समय दाऊद के पास भाग गए, जब वह पलिश्तियों के साथ हो कर शाऊल से लड़ने को गया, परन्तु उसकी कुछ सहायता न की, क्योंकि पलिश्तियों के सरदारों ने सम्मति लेने पर यह कह कर उसे बिदा किया, कि वह हमारे सिर कटवा कर अपने स्वामी शाऊल से फिर मिल जाएगा।
20. जब वह सिक्लग को जा रहा था, तब ये मनश्शेई उसके पास भाग गए; अर्थात अदना, योजाबाद, यदीएल, मीकाएल, योजाबाद, एलीहू और सिल्लतै जो मनश्शे के हजारों के मुखिये थे।